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दीवानी दायित्व और अभिरक्षा: निर्णय कैस. सिविल, अनुभाग III, ऑर्ड., संख्या 2481/2018 का विश्लेषण | बियानुची लॉ फर्म

नागरिक दायित्व और अभिरक्षा: कैस. सिव., सेज़. III, ऑर्ड., संख्या 2481/2018 का विश्लेषण

नागरिक दायित्व इतालवी कानून में एक केंद्रीय विषय है, खासकर जब अभिरक्षा में मौजूद संपत्तियों से होने वाले नुकसान की बात आती है। कैसेंशन कोर्ट का निर्णय संख्या 2481/2018 अभिरक्षक की जिम्मेदारी के संबंध में दिलचस्प अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जिसमें एक ऐसे मामले का विश्लेषण किया गया है जिसमें एक नागरिक, एस.वी., एक असमान सड़क के फर्श पर गिरने के कारण घायल हो गई थी। अदालत ने दायित्व और अभिरक्षा के संबंध में कुछ मौलिक सिद्धांतों को दोहराया, यह स्पष्ट करते हुए कि अभिरक्षक को कैसे और कब जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

मामले के तथ्य और अदालत का निर्णय

इस मामले में, एस.वी. ने बड़े कंकड़ से बने फुटपाथ पर गिरने से हुए नुकसान के मुआवजे के लिए विसेंज़ा की नगर पालिका पर मुकदमा दायर किया था। विसेंज़ा की अदालत ने 20 अगस्त 2013 के अपने फैसले में, दावे को खारिज कर दिया था, यह मानते हुए कि वादी ने आवश्यक सावधानी नहीं बरती थी, मार्ग को "सहज रूप से खतरनाक" माना था। अदालत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वादी के व्यवहार ने अभिरक्षा के दायित्व और हानिकारक घटना के बीच कारण संबंध को बाधित कर दिया था।

अनुच्छेद 2051 सी.सी. के तहत दायित्व के लिए, पीड़ित को अभिरक्षा में मौजूद वस्तु और हुए नुकसान के बीच कारण संबंध साबित करने की आवश्यकता होती है।

प्रासंगिक कानूनी सिद्धांत

कैसेंशन कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अभिरक्षक का दायित्व वस्तुनिष्ठ प्रकृति का है, जिसका अर्थ है कि अभिरक्षक के स्वयं के दोष को साबित करने की आवश्यकता नहीं है। यह साबित करना पर्याप्त है कि नुकसान अभिरक्षा में मौजूद वस्तु के कारण हुआ है। इसलिए, पीड़ित पर वस्तु और नुकसान के बीच कारण संबंध साबित करने का भार है, जबकि अभिरक्षक केवल आकस्मिक घटना को साबित करके ही जिम्मेदारी से मुक्त हो सकता है। इस संदर्भ में, अदालत ने कहा कि पीड़ित का लापरवाह व्यवहार अभिरक्षक की जिम्मेदारी को बाहर कर सकता है यदि ऐसा व्यवहार कारण संबंध को बाधित करता है।

निष्कर्ष और भविष्य के निहितार्थ

वर्तमान निर्णय सड़कों और सार्वजनिक संपत्तियों के उपयोगकर्ताओं द्वारा सतर्क व्यवहार अपनाने के महत्व को दोहराता है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि खतरे की स्थितियों की उपस्थिति में, पीड़ित के लिए आवश्यक परिश्रम और सावधानी के साथ कार्य करना महत्वपूर्ण है। अन्यथा, अभिरक्षक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, जैसा कि एस.वी. के मामले में हुआ था।

कैसेंशन कोर्ट के इस फैसले से नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए उपयोगी संकेत मिलते हैं, साथ ही उन सार्वजनिक और निजी संस्थाओं के लिए भी जो अभिरक्षा में संपत्तियों का प्रबंधन करती हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि नागरिक अपनी सावधानी के कर्तव्यों के बारे में जागरूक हों और अभिरक्षक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उचित उपाय करें।

बियानुची लॉ फर्म